गज़्ज़ा के समर्थन में इस्राईल पर किए गए हिज़्बुल्लाह के हमलों का असर बरकरार है जिसके कारण इस्राईल की महंगी जासूसी परियोजना अब तक ठप पड़ी है।
हिज़्बुल्लाह के सफल हमलों के बाद इस्राईल ने अल-जलील सैल्फ़ी क्षेत्र की निगरानी के लिए लगाए गए महंगे जासूसी सिस्टम को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिस पर सैकड़ों मिलियन शेकेल खर्च किए गए थे।
एक इस्राईली चैनल के संवाददाता ने स्वीकार किया है कि इस्राईली वायुसेना ने “तल शमायिम” नामक जासूसी प्रणाली को बंद करने का फ़ैसला किया है। यह सिस्टम अल-जलील सैल्फ़ी क्षेत्र की निगरानी के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन हिज़्बुल्लाह के लगातार हमलों के डेढ़ साल बाद इसे हटाने का निर्णय लिया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह निगरानी प्रणाली इस्राईली सेना को क्रूज़ मिसाइलों और ड्रोन पर नज़र रखने में मदद करती थी, जिसकी लागत सैकड़ों मिलियन शेकेल तक पहुँची थी, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से रोक दिया गया है। इसके साथ ही, इस परियोजना में कार्यरत सैनिकों को इस्राईली वायुसेना की अन्य यूनिटों में तैनात कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों ने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध बलों के समर्थन में कई बार इस्राईल के जासूसी टावरों और प्रणालियों को निशाना बनाया था।
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